श्री बिषापहर स्तोत्र मंडल विधान एवं गुरुबाणी मंथन शिविर। दिनांक 29-30 अप्रैल एवं 01-02 मई 2025 । अधिक जाननेकेलिए 'आयोजन' (Event ) पेज में क्लिक करे
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सिद्धक्षेत्र सोनागिर जी

भारतवर्ष में श्री सम्मेद शिखर जी सिद्धक्षेत्र के वाद द्वितीय स्थान पर सिद्धक्षेत्र सोनागिर जी का नाम लिया जाता है। इसका प्राचीन नाम श्रमणगिरि या स्वर्ण गिरि रहा है। यहाँ आठवें तीर्थकर भगवान श्री चन्द्रप्रभ का 17 वार समोशरण ('भवि भागन वसि जोगे वसाय') आया है, ऐसा शास्त्रों में उल्लेख है। निर्वाण काण्ड के अनुसार इस पर्वत से श्री नंग, अनंग, चिन्तागति, पूर्णचन्द्र, अशोकसेन, श्री दत्त, स्वर्ण भदादि साढ़े पाँच करोड़ दिगम्बर मुनियों ने आत्म साधना कर निर्वाण प्राप्त किया है। मुनि श्री शुभचन्द्र स्वामी ने यहाँ 'ज्ञानार्णव' शास्त्र की रचना की है। जो ध्यान का उत्कृष्ट ग्रन्थ है। निरन्तर यहाँ से आत्म साधना करते हुऐ श्रावक व्रत, मुनिव्रत अंगीकार करते हुऐ मोक्षमार्ग को साधने का मार्ग जीव पा रहे हैं, और पाते रहेंगे।

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स्थानीय विद्वानों के प्रतिदिन प्रवचन होते हैं।

  • वाणीभूषण पं. ज्ञानचन्द जैन - विदिशा, पंडित मांगीलाल जैन - कोलारस, पं. लालजी राम
  • विदिशा, पं. केशरीमल पाटनी - ग्वालियर, पं. पूरनचन्द जैन - मौ, पं. विजय शास्त्री, पं. रमेश चन्द जैन ।

तीनों अष्टानिका एवं दशलक्षण पर्व पर नियमित विधान होते हैं। इसके अतिरिक्त वर्ष में अनेक विधान व कार्यक्रम आयोजित होते रहते है। आप सादर आमंत्रित हैं।

सिद्धक्षेत्र की यात्रा सपरिवार एवं ग्रुप सहित अवश्य करने हेतु पधारें। आपकी सम्पूर्ण व्यवस्था हेतु ट्रस्ट मण्डल तत्पर है।

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सोनागिर तीर्थराज का माहात्म्य

मध्यप्रदेश के दतिया जिले में स्थित सोनागिर तीर्थराज पर्वत पर सुगम, सुन्दर, दर्शनीय, नयानाभिराम, गगनचुम्बी शिखर बद्ध 77 विशाल मन्दिरों की उतार-चढ़ाव लिये श्रृंखलाओं से एक कड़ी में क्रम वद्ध नम्बरों से जुड़ा हुआ है। पर्वत पर मन्दिर नं. 57 में तेरवीं सदी की प्राचीन भगवान चन्द्रप्रभ की 11 फुट ऊँची पर्वत पर ही उकेरी हुई खड़गासन अति मनोज्ञ अतिशय युक्त प्रतिमा संवत् 1335 में विराजमान हुई है। उसी के बगल की वेदी में भगवान शीतलनाथ व भगवान पार्श्वनाथ की 8 फुट ऊँची प्राचीन प्रतिमा विराजमान है। 132 एकड़ के क्षेत्र में स्थित दोनो पर्वत राज पूज्यनीय है। पर्वत पर समोशरण मन्दिर, बाहुवलि, नंग कुमार, अनंग कुमार मन्दिर है, यहाँ चौबीसों तीर्थकरों के अनेक मन्दिर है, वाजनी शिला, नारियल कुण्ड व अनेक क्षत्रियाँ व ध्यान की गुफायें निर्मित है। मन्दिरों का जीर्णोद्धार कार्य होने व नवीन नन्दीश्वर द्वीप मन्दिर बनने से पर्वत पर भव्यता व आकर्षणता पूज्यता के साथ बढ़ती जा रही है। पर्वत की व्यवस्था तीर्थक्षेत्र कमेटी द्वारा की जाती है। तलहटी में 31 जिन मन्दिर स्थित है। पर्वत की बन्दना 2 घन्टे में व पर्वत की परिक्रमा एक घन्टे में भाव सहित की जाती है। यात्रियों की सुविधार्थ अनेक धर्मशालायें, भोजनशालायें एवं औषधालय तलहटी में स्थित हैं।

कुन्द कुन्द नगर में निम्न रचनाएँ

आचार्य कुन्दकुन्द नगर तीन लाख स्कवायर फीट भूमि पर निर्मित है। कुन्द कुन्द नगर में निम्न रचनाएँ अध्यात्म प्रेमियों के लिये आत्म साधना हेतु सतत् प्रेरणास्पद है

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श्री बाहुबली जैन मंदिर
तल से 25 फुट ऊँचाई पर 30 X 35 फुट चौक में खुले आकाश में भव्य कमलासन पर 18 फुट Read More
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पंच तीर्थ की मनोरम रचना

वर्तमान चौबीसी के पाँचों निर्वाण स्थली सम्मेद शिखर, कैलाश पर्वत, गिरनार जी, चम्पापुर एवं पावापुरी

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श्री महावीर स्वामी मानस्तम्भ

पावापुर जिन मन्दिर में विराजमान शासन नायक तीर्थकर महावीर भगवान के सामने अति उतंग

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श्री बाहुवली ध्यान मन्दिर
25 फुट ऊँचाई का हॉल 30 X 30 फुट की गुफा में "ह्रीं" की विशाल रचना है। Read More
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श्री सीमन्धर स्वामी समोशरण मन्दिर

मानस्तम्भ के पास भव्य मनोहारी शिखरवद्ध मन्दिर में विदेही जींवत तीर्थकर

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तीर्थंकर महावीर श्रुत स्कन्ध मन्दिर

दर्शनीय व अध्ययन करने योग्य श्रुत स्कन्ध का मार्वल पर उकेरा हुआ दृश्य है

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सत्साहित्य विक्रय केन्द्र

प्रमुख गेट के पास ही सत्साहित्य विक्रय केन्द्र की स्थापना है वहां गुरूदेव

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श्री कुन्द कुन्द कहान आगम जिन मंदिर

पाँच हजार स्क्वायर फीट के विशाल हॉल में विदेह क्षेत्र, विद्यमान बीस तीर्थकर

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श्री सरस्वती भवन
नित्य प्रति शोध कार्य एवं प्रवचन व स्वाध्याय के लिये दो मन्जिला विशाल Read More
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श्री कुन्द कुन्द विद्यानिकेतन व छात्रावास

देशभर से सिलेक्ट किये जैन छात्रों को 8 वीं कक्षा से 12 वीं कक्षा तक की लोकिक

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धर्मार्थ श्रावक औषधालय

अनेक सुविधा संयुक्त श्रावक औषधालय जो मेन गेट पर ही स्थित है, सुयोग्य डॉक्टर

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श्रावक भोजनालय
सिद्धक्षेत्र सोनागिर कुन्द कुन्द नगर में धर्म साधना व यात्रा के लिये पधारे साधर्मियों Read More
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कुन्द कुन्द कहान विद्वत अतिथि गृह
कुन्द कुन्द नगर में ही सात फ्लेट्स निवृत्ति लेकर रहने वाले विद्वानों के लिये Read More
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श्री समन्तभद्र व श्री धरसेन निलय गेस्टहाउस
कुन्द कुन्द नगर में 2 ब्लोकों में 4-4 याने कुल 8 गेस्ट हाउस निर्मित हैं। Read More
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श्री कुन्द कुन्द निलय फ्लेट्स अतिथि गृह
दो मंजिला आकर्षक सर्व सुविधा युक्त 32 फ्लेट्स का अतिथि गृह है Read More
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रत्नत्रय निलय
मुख्य गेट से प्रवेश करते ही नव निर्मित विशाल रत्नत्रय भवन का निर्माण किया गया है Read More
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श्री परमागम श्रावक ट्रस्टकार्यालय
सुचारू रूप से संचालन हेतु कुन्द कुन्द नगर के मध्य में भोजनालय के सामने Read More

दान

दान देच मन हरष विशेषे, यह भव यश, पर भव सुख देस्खे। क्षेत्र के विकास हेतु निम्न प्रकार आपका सहयोग अपेक्षित है

  • श्रावक भोजनालय हेतु प्रतिवर्ष में एक दिन का भोजन 11000/-
  • श्रावक भोजनालय में एक दिन का भोजन 2100/-
  • श्रावक भोजनालय में एक समय का भोजन 11000/-
  • आवक औषधालय हेतु प्रतिवर्ष में एक दिन औषधि 11000/-
  • श्रावक औषधालय में एक दिन की औषधि 1100/-
  • छात्रावास स्थित छात्रों का एक दिन का भोजन 1100/-
  • छात्रावास के छात्रों का एक दिन का नाश्ता (स्वल्पाहार) 500/-
  • एक छात्र को एक वर्ष हेतु गोद लेने हेतु की राशि 25000/-
  • छात्रावास के संरक्षक बनने की राशि 100000/-
  • पंच तीर्थ पूजन तिथि (वर्ष में एक दिन आपकी इच्छानुसार) 500/-
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स्वयंसेवकों

हमारे स्वयंसेवकों की उपलब्धियाँ

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प्रमुख, सोनागिर जैन मंदिर ट्रस्ट

श्री अनिल कुमार सेठी

सामान्य सचिव, सोनागिर जैन मंदिर ट्रस्ट

श्री पदम कुमार पहाड़िया

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हम किन तरीकों से मदद कर सकते हैं

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सहयोग हेतु 'श्री परमागम श्रावक ट्रस्ट सोनागिर' के बचत खातों के नम्बरों में किसी एक में जमा कर, सूचित करें।

सेन्ट्रल बैंक (दतिया) 3048944249 (CBIN0281424)
स्टेट बैंक (दतिया) 30184904478 (SBIN 0000358)
यूको बैंक (सौनागिर) 11680100002307 (UCBA 1168)